राष्‍ट्रीय

गौतमअडानी को लेकर महुआ मोइत्रा ने फिर बीजेपी पर हमला बोला

कोलकाता.

बहुचर्चित कैश फॉर क्वेरी मामले में फंसी तृणमूल कांग्रेस की तेजतर्रार नेता महुआ मोइत्रा भी उन विपक्षी नेताओं में शामिल हो गई हैं जो प्रवर्तन निदेशालय के निशाने पर हैं। 19 फरवरी को उन्हें पूछताछ के लिए ईडी के सामने पेश होना था लेकिन वह नहीं आईं। इस बीच उद्योगपति गौतम अडानी को लेकर मोदी सरकार के खिलाफ सबसे मुखर रहने वाली महुआ ने एक बार फिर बीजेपी पर जोरदार हमला बोला है.

संसद से निलंबित पूर्व टीएमसी सांसद ने एक मीडिया रिपोर्ट का हवाला देते हुए केंद्र सरकार पर कोयला ब्लॉक आवंटन में उद्योगपति गौतम अडानी को फायदा पहुंचाने का आरोप लगाया है. उन्होंने इसे बीजेपी का ‘कोयला घोटाला’ बताया है. टीएमसी नेता ने केंद्र की बीजेपी नीत एनडीए सरकार पर कोयला ब्लॉकों की नीलामी और आवंटन में कथित तौर पर धांधली करने का आरोप लगाया है.

ईडी ने 26 फरवरी को महुआ मोइत्रा को तलब किया था

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प्रवर्तन निदेशालय ने पूर्व टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा को नया समन जारी कर 26 फरवरी को पेश होने को कहा है. दरअसल, 15 फरवरी को ईडी ने महुआ को पूछताछ के लिए समन जारी किया था. उन्हें कल यानी सोमवार 19 फरवरी को पेश होना था लेकिन वह नहीं आईं. एजेंसी को उनका एक पत्र मिला, जिसमें 21 दिन का समय मांगा गया था. इतने दिनों की मांग को खारिज करते हुए ईडी ने उन्हें सिर्फ सात दिन का समय दिया है.

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक जांच एजेंसी उनसे विदेशी मुद्रा उल्लंघन (FEMA) मामले में पूछताछ करना चाहती है. उनका बयान दर्ज करने के बाद कुछ विदेशी लेनदेन और एक एनआईआई खाते से जुड़े लेनदेन भी ईडी के रडार पर हैं। वहीं, संसद में सवालों के बदले कैश मामले की जांच भी सीबीआई कर रही है.

महुआ को कोर्ट से राहत नहीं मिली

पिछले साल दिसंबर में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कैश फॉर क्वेरी मामले की जांच करने वाली संसद की आचार समिति की रिपोर्ट पर महुआ मोइत्रा की संसद सदस्यता रद्द कर दी थी। इसके खिलाफ महुआ सुप्रीम कोर्ट भी गईं लेकिन वहां से उन्हें तत्काल कोई राहत नहीं मिली. इतना ही नहीं, उन्हें दिल्ली में अपना सरकारी आवास भी खाली करना पड़ा, यहां भी दिल्ली हाई कोर्ट ने उन्हें कोई राहत देने से इनकार कर दिया था. 2019 में टीएमसी के टिकट पर पश्चिम बंगाल की कृष्णानगर लोकसभा सीट से जीत हासिल करने वाली महुआ को इस बार भी टिकट मिलना तय माना जा रहा है।

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शिक्षक भर्ती घोटाले में एक और गिरफ्तारी

पश्चिम बंगाल की राजनीति में भूचाल लाने वाले शिक्षक भर्ती घोटाला मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने एक और बड़ी कार्रवाई की है. सोमवार को कोलकाता के कारोबारी प्रसन्ना रॉय को ईडी ने 11 घंटे की लंबी पूछताछ के बाद गिरफ्तार कर लिया. रॉय पर पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी और शिक्षक भर्ती अभ्यर्थियों के बीच डील कराने में अहम भूमिका निभाने का आरोप है.

आपको बता दें कि पार्थ चटर्जी को 23 जुलाई 2022 को कोलकाता में ईडी ने गिरफ्तार किया था। चटर्जी की गिनती सीएम ममता बनर्जी के सबसे करीबी और उनकी सरकार के ताकतवर मंत्रियों में होती थी। उन्हें शिक्षक भर्ती घोटाले में मुख्य आरोपी बनाया गया है. ईडी की कार्रवाई के बाद ममता बनर्जी ने उन्हें मंत्री पद से बर्खास्त कर दिया और टीएमसी से भी निकाल दिया. पार्थ चटर्जी अभी भी जेल में हैं.

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